खयाति प्राप्त फिल्म निर्माता और डिजाईन विशेषज्ञ करेंगे प्रविष्टियों का चुनाव
आगरा 25 जुलाई 2012: अंतरदृष्टि ने आज दृष्टि 2012 क्रियेटिव कांटेस्ट के निर्णायक मंडल की घोषणा कर दी। दृष्टि क्रियेटिव कांटेस्ट आगरा में लगातार दूसरे साल हो रहा है जिसके जरिये नेत्रदान को बढ़ावा देने वाली फिल्मों और दूसरी प्रविष्टियों पुरूसकृत किया जाता है।
तीन सदस्यों वाले इस निर्णायक मंडल में देश व विदेश में जाने माने फिल्म निर्माता, फिल्म आलोचक एवं डिजाइन विशेषज्ञ शामिल है। यह निर्णायक मंडल दृष्टि 2012 में आयी प्रवृष्टियों का चयन करेगा। खयाति प्राप्त फिल्म निर्माता एवं लेखक मिनी वैद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने माने डिजाइन विशेषज्ञ सुधीर शर्मा और राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित फिल्म आलोचक उत्पल बोरपुजारी आगरा में होने वाले इस साल के क्रियेटिव कांटेस्ट के निर्णायक मंडल के सदस्य होंगे।
दृच्च्टि 2012 क्रियेटिव कांटेस्ट में नेत्रदान को बढ़ावा को थीम पर चार वर्गो में प्रविष्टियां आमंत्रित की है जिसमें शार्ट फिल्म, पोस्टर, डिजाइन और आडियों जिंगल शामिल है। इस प्रतियोगिता में कोई भी भारतीय नागरिक भाग ले सकता है और प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तारीख 10 सिंतबर 2012 है। निर्णायक मंडल सभी चारों वर्गों में गोल्डेन आई और सिल्वर आई पुरूस्कारों का चयन करेगा। यह पुरस्कार नंवबर 2012 के पहले सप्ताह में आगरा में एक भव्य आयोजन के दौरान दिये जायेगें।
निर्णायक मंडल का संक्षिप्त परिचयः
मिनी वैद
– सामाजिक विषयों पर, खासकर ग्रामीण परिवेश पर फिल्में बनाती है। उनकी फिल्मों में खास तौर पर हिंसा की चपेट में आये देश के हिस्सों की तस्वीर को देखा जा सकती है। उन्होंने डा. विनायक सेन पर ‘ए डाक्टर टू डिफेंड’ शीर्षक से चरचित डाक्युमेंट्री बनाई है। मिनी वैद की सत्येन्द्र दूबे पर बनाई हुई डाक्युमेंट्री ‘द स्टोरी ऑफ ए विसिलब्लोअर’ और महिला सशक्तिकरण पर ‘वी हैव ए ड्रीम’ की देश भर में काफी चर्चा हुई है। मिनी मुंबई में रहती है और ‘ए डाक्टर टू डिफेंड’: विनायक सेन स्टोरी के बाद अब इरोम शर्मीला पर अपनी दूसरी किताब ‘आयरन लेडी ऑफ मनीपुर’ समाप्त कर रही है।
सुधीर शर्मा
– एक अंतरराष्ट्रीय खयाति प्राप्त डिजाइन और ब्रांड विशेषज्ञ है, पूने में रहने वाले सुधीर ने डिजाइन की पढ़ाई एन.आई.डी. अहमदाबाद से की है। इंडी डिजाइन के क्रियेटिव और चीफ इक्जिक्यूटिव रहते हुए सुधीर ने डिजाइन क्षेत्र को नई दिशा प्रदान की है। सुधीर भारत की पहली डिजाइन पत्रिका ‘पूल’ के प्रमुख संपादक भी है। उन्होंने कान्स लायन फॉर डिजाइन, एड फेस्ट-पटाया, डिजाइन टर्की और डज डिजाइन आवार्डस के निणार्यक मंडल भारत का प्रतिनिधित्व किया है। सुधीर भारत की पहली इंडिया डिजाइन काउन्सिल के भी सदस्य है।
उत्पल बोरपुजारी
– उत्पल बोरपुजारी एक खयाति प्राप्त फिल्म आलोचक है जिन्हें 2003 में पचासवे राष्ट्रीय फिल्म अवार्डस में स्वर्ण कमल से नवाजा गया है। गोवहाटी में जन्में उत्पल ने आई.आई.टी रूडकी से भूगर्भ विज्ञान में एम.टेक. करने के बाद फिल्म पत्रकारिता को पेशे के तौर पर चुना। उत्पल इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक के सदस्य होने के साथ-साथ कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फिल्म समारोहों के निर्णायक मंडल में रह चुके है। उन्हें 2004 में 51वे राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड में भी फिल्म पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। उत्पल गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2009 के भी निर्णायक मंडल में रह चुके है।
निर्णायक मंडल की घोषणा पर दृष्टि 2012 के सदस्य अखिल श्रीवास्त ने कहा कि ‘इतनी जाने माने हस्तियों के दृष्टि 2012 से जुड़ने के कारण आगरा में होने वाले आयोजन को और सम्मान मिला है और नेत्रदान को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों को बल मिला है।”
दृष्टि 2011 की बड़ी सफलता के बाद आगरा में दृष्टि 2012 लगातार दूसरी बार हो रहा है।