‘दृष्टि 2011 एवं दृष्टि 2012’ की अपार सफलता के बाद, ‘अंतरदृष्टि‘ संगठन नेत्रदान को बढ़ावा देन के लिए आज ‘दृष्टि 2013’ क्रिएटिव कांटेस्ट के कार्यक्रम की घोषणा कर रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी नेत्रदान विषय पर चार श्रेणियों यानी लघु फिल्म, पोस्टर, डिजाइन और ऑडिया जिंगल के लिए प्रविष्टियां (एंट्रीज) आमंत्रित की जा रही है।
नेत्रदान को बढ़ावा देन के लिए ‘अंतरदृष्टि‘ की गतिविधि का केंद्र आगरा रहेगा। प्रतियोगिता के अंतिम दौर में शहर में पुरस्कार वितरण समारोह ओर दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल आयोजित होगा। चुनी गई फिल्मे एवं क्रिएटिव कांटेस्ट की प्रविष्टियां फेस्टिवल के दौरान प्रदर्शित की जाएंगी। फेस्टिवल में फिल्म शो और प्रदर्शिनी के साथ-साथ आकर्षण का केंद्र देश भर से आए नेत्रहीन छात्रों और कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। ‘दृष्टि 2013’ टीम की सदस्य सिप्पी गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष प्रतियोगिता में शामिल होने वालों की संख्या पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा होने की उम्मीद है। फेस्टिवल अक्टूबर 2013 में आयोजित किया जाएगा और तारीख व कार्यक्रम की घोषणा फेस्टिवल के दो महीने पहले की जाएगी, ताकि देश के अन्य हिस्सों से भाग लेने को तैयार स्वयंसेवक अपनी यात्रा की व्यवस्था कर सकें।
सभी चार श्रेणियों में प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 15 सिंतबर, 2013 है। इस प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के भारतीय नागरिक भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। समान अवसर प्रदान करने के लिए केवल व्यक्तियों को
कांटेस्ट में भाग लेने की अनुमति दी गई है। प्रोडक्शन हाउस और संगठनों से आने वाली प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा। सभी प्रविष्टियों की स्क्रीन और स
भी चार श्रेणियों में गोल्डेन आई व सिल्वर आई एवार्ड का चुनाव विख्यात पेशेवर और प्रतिष्ठित नागरिकों का तीन सदस्यीय स्वतंत्र ज्यूरी करेगी।
इस वर्ष की दृष्टि यात्रा में शामिल शहरों में दिल्ली, मुंबई, पूना, भोपाल, जयपुर, कोटा, शिमला, बनारस, लखनऊ, पटना आदि हैं। नेत्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘अंतरदृष्टि‘ स्थानीय आई बैंक और अस्पतालों के साथ समन्वय कर रही है। इन यात्राओं में अब तक 3786 लोग खुद नेत्रदान के लिए आगे बढे हैं और सर्टिफिकेट पा चुके हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में ‘दृष्टि 2013’ टीम के सदस्य व अखिल श्रीवास्त्व ने कहा आने वाले महीनों में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए समान विचारधारा वाले स्वयंसेवकों और संगठनों के साथ मिलकर कार्यक्रमों का विस्तार होगा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस क्षेत्र में काम के लिए बड़े पैमाने पर प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और विचाराधीन हैं।