दृष्टि यात्रा देहरादून में

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Video Report on ETV, Uttarakhand

दिनांक 15 सितबंर 2012 को अंतरदृष्टि, आगरा ने उत्‍तराखण्‍ड की राजधानी देहरादून में सेंट जोसेफ अकादमी की 12वी की छात्र/छात्राओं को नेत्रदान जागरूकता हेतु एक कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया। कार्यशाला की शुरूआत  छात्र – छात्राओं ने इसमें अपनी भागीदारी की।सहभागियों के स्‍वागत एवं संक्षिप्‍त परिचय से शुरू हुई इस कार्यशाला में दृष्टिहीनता की समस्‍या एवं इससे बचाव की जरूरत पर जोर देते हुए अखिल श्रीवास्‍तव ने कार्यशाला के उद्देश्‍यों को बताते हुए कहा कि देश में दृष्टिहीनता एक बड़ी समस्‍या है। ऑखों की महत्‍ता को समझाने के लिए कार्यशाला संचालक द्वारा छात्र/छात्राओं को अपनी ऑखों पर पट्टी बांधने को कहा गया, तत्‍पश्चात उनमें से तीन लोगों को मंच पर बुला कर उनके अनुभव अन्‍य सहभागियों के साथ बांटे गये। इस पूरी प्रक्रिया नें सभागार में मौजूद छात्र/छात्राओं को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि उनकी ऑखें कितनी महत्‍वपूर्ण है और दृष्टिहीन लोगों को अपना जीवन जीने में कितनी समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है।सही जानकारी के अभाव और समय पर इलाज न हो पाने के कारण बहुत से लोग दृष्टिहीन हो जाते है, यदि समय रहते ऑखों की बीमारियों का इलाज हो सके तो बहुत से लोगों को दृष्टिहीन होने से बचाया जा सकता है। इस प्रयास में नेत्रदान भी एक महत्‍वपूर्ण भमिका अदा करता है। यदि लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक हो तो बहुत सारे ऐसे दृष्टिहीनों को जिनके जीवन में कोर्नियल ब्‍लाइंडनेस के कारण अंधकार छाया है, नेत्रदान एक नई रोशनी ला सकता है।कार्यशाला में एक प्रजेन्‍टेशन के माध्‍यम से नेत्रदान संबंधी जानकारी – जैसे कोर्निया क्‍या होता है, कोर्नियल ब्‍लाइंडनेस क्‍या है, नेत्रदान कौन कर सकता है, नेत्रदान करने का तरीका क्‍या है, किन बातो को ध्‍यान में रखना चाहिए आदि-आदि को विस्‍तार से बताया गया।तत्‍पश्‍चात दूसरे भाग में सहभागियों को दृष्टि यात्रा के दौरान दिखाई जा रही नेत्रदान जगारूकता फिल्‍मों को दिखा कर नेत्रदान के प्रति जागरूक किया गया। दृष्टि2011 में गोलडेन आई प्राप्‍त फिल्‍म ‘रितु वांटस 2 सी’ के अलावा सिलवर आई प्राप्‍त विजिगल, आई 4 यू, द विश, खुशी, डार्क रेनबो, लाईट आदि फिल्‍मों को काफी पंसद किया गया।छात्र-छात्राओं से यह भी अनुरोध किया गया कि वह कार्यशाला से प्राप्‍त अपने अनुभवों को न सिर्फ अपने आस-पास के लोगों से बांटे बल्कि उसे लिख कर अंतरदृष्टि को भी भेजे। कार्यशाला के संचालन में समाजिक कार्यकर्ता भुवन चंद्र जोशी, सेंट जोसेफ अकादमी के समन्‍वयक सुमीत एवं स्‍वयंसेवी छात्र/छात्राओं, आदि ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।   [nggallery id=18]